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चौपारण के मानगढ़ गांव में बिजली की झटके से अनिल राणा की मौत


चौपारण : चौपारण प्रखंड के मानगढ़ गांव में एक युवक का बेहद दर्दनाक मौत होने से आग की तरह पूरे इलाके में ख़बर फ़ैल गई। बहुत ही दुःख की बात है कि बत्तीस वर्षीय अमित कुमार राणा का श्राद्ध कार्यक्रम सम्पन्न भी नहीं हुआ कि आज मानगढ़ निवासी अनिल राणा  को बिजली की खतरनाक झटके से उनकी मौत हो गई।

मानगढ़ राणा समाज में फिर एक दर्दनाक मौत होने से दुःखों का पहाड़ खड़ा हो गया और होनहार अनिल राणा की मौत ने राणा समाज के साथ पूरे गांव का कमर टुटने जैसी हालत हो गयी ।

इस हृदयविदारक घटना ने पूरे मानगढ़ को दहला दिया। बस कुछ ही क्षण में अनिल राणा की ख़बर ने सनसनी फैला दिया और पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। हर गलियों में दुःख से भरा आंसू,बच्चें, महिला और पुरुषों में केवल दुःख और आंसुओं की शिवा कुछ नहीं।

स्थानीय लोगों ने कहा कि दोपहर का समय था,देवी मंड़प मानगढ़ में बिजली की गड़बड़ी से पंखा और ब्लब नही चल रहा था,उसे ठीक करने के इरादे से अनिल राणा ने अपने साथियों के साथ बिजली के वायर को छेड़-छाड़ करने लगा,इसी दौरान अचानक बिजली के ज़ोरदार झटके से अनिल राणा ने मार्वल से बनी फर्स पर धमाकेदार गिर पड़ा। मौजूद साथियों ने आनन-फानन में मिलजुलकर सभी ने चौपारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गया।

डाक्टर पंकज ने अपने तत्परता दिखाते हुए इलाज में लग गया।इसी क्रम में अनिल राणा ने दम तोड़ दिया। अनिल राणा की मृत्यु की सूचना जंगल की आग की तरह फैल गई, गांव, पंचायत, रिश्ते परिवार, प्रखंड और समाज के लोगों को जानकारी मिलते ही मृतक परिवार,आश्रितों के यहां आना और पीड़ित परिवारों के साथ गांव और रिश्तेदारों का रोना देखकर, लोग अचंभित रह गया।पूरे गांव, इलाके में मातम छाया हुआ है,इस बेहद दर्दनाक,हृदयविदारक घटना को असहनीय रुप माना गया है।स्थानीय लोगों का कहना है कि अनिल राणा एक सामाजिक विचारधारा का कुशल व्यक्ति था।

देवी मंड़प में मातारानी के सेवाभाव में हमेशा लगा रहता था। प्रत्येक मंगलवार को भजन कीर्तन में हमेशा भाग लिया करता था, संगीत प्रेमी भी था। धर्म के प्रति अथाह प्रेम रखने वाला अनिल राणा को मातारानी ने अपनी गोद में सुला लिया। और मां ने अपने चरणों में स्थान देकर हमेशा के लिए सेवक बना लिया। प्रत्येक दूर्गा पूजा में भावनात्मक रूप से अपने को समर्पित कर नवरात्रि महापर्व में दिन-रात मेहनत करता रहता और लगा रहता था। अनिल राणा ने पत्नी ,दो बेटे और एक बेटी जो अविवाहित है, पिता ब्यास राणा,भाई सुनील कुमार राणा जो मुम्बई में रहते हैं इन सभी भरा-पूरा परिवार को छोड़ कर सदा के लिए अदृश्य हो गया। अनिल राणा की माता की मृत्यु एक वर्ष पहले हो चुकी है। पिता के जीवित रहते हुए पुत्र का मौत होना बहुत ही दर्दनाक घटना होती है। यह अजीब विडंबना है,भगवान कहर पर कहर बरसाए जा रहें हैं। पिता ब्यास राणा के जीते जी एक बेहद दर्दनाक मौत की कहानी सभी के जुबान पर छोड़ कर सदा के लिए अनिल राणा अदृश्य हो गया।

इस दुःख की घड़ी में बच्चू कुमार राणा, मकसूदन राणा, राजकुमार राणा, कौशल राणा, अनुमंडलीय राणा समाज के अध्यक्ष बीरेंद्र राणा, बसंत राणा, कपील राणा, राजेश कुमार राणा, दीलीप राणा, नवनीत कुमार राणा, जयनंदन दांगी, केदार दांगी, रामस्वरूप राम, करन सिंह, सहित सैकड़ों लोगों ने दुःख और शोक व्यक्त किया। अनिल राणा के शव को पोस्टमार्टम के लिए हजारीबाग भेजा गया है, संभावना है कि कल इनकी अग्निसंस्कार का कार्यक्रम किया जाएगा।

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