चतरा:कान्हाचट्टी तमासीन जलप्रपात झारखंड व बिहार ही नहीं, बल्कि घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए भी स्वर्ग है। तमासीन जैसा अनुपम सौंदर्य झारखंड में शायद दूसरी जगह नहीं होगा। अनुपम सौंदर्य की वजह से ही यहां एक बार आने वाले पर्यटक बार-बार आने की इच्छा रखते हैं। सामान्य जमीनी स्थल से करीब दो सौ फीट की ऊंचाई से कई चट्टानों से टकराते हुए जलकण जमीन पर गिरकर अद्भुत मनोहरी छटा उत्पन्न करते हैं।
चारों ओर से हरे भरे पेड़ पौधों के बीच कलकल छलछल व निनाद करते गिरने वाला झरना तमासीन की प्राकृतिक शोभा को चार चांद लगा देती है। जिला मुख्यालय से करीब 33 किलामीटर दूर कान्हाचट्टी प्रखंड की तुलबुल पंचायत में स्थित तमासीन पेड़-पौधों के रंग बिरंगे फूलों की मादकता ने जलप्रपात की शोभा को चार चांद लगा कर अद्भुत बना दिया है। गर्मी एवं ठंड के दिनों में यहां पर पर्यटकों के आने जाने का क्रम हमेशा बना रहता है। मकर संक्रांति और एक जनवरी को अप्रत्याशित भीड़ उमड़ती है।
इसे भी पढ़ें : Scorpio Sale: महिंद्रा ने शुरू किया Scorpio का महासेल, शोरूम पर 2.1 लाख कम हुआ दाम....
इसे भी पढ़ें : Crime News: सरकारी चावल को खुले बाजार में बेच रहा था राशन दुकान संचालक, कलेक्टर ने किया सस्पेंड
जानकारों का कहना है कि तमासीन में मनोहरी छटा तो है, साथ ही साथ आध्यात्मिक वास भी वहां पर है। सनातन धर्मावलंबियों की आस्था जुड़ी हुई है। यही वजह है कि लोग उसे तमासीन मां की नाम से भी जानते हैं। ऐसी बात नहीं कि चतरा के घने जंगल में स्थित इस पर्यटन स्थल पर प्राकृतिक जलप्रपात का नजारा लेने सिर्फ इसी जिले के लोग जाते हैं, अपितु वहां पर झारखंड व बिहार के विभिन्न जिलों से पर्यटक वहां की मनोहरी छटा को निहारने आते हैं।
0 Comments