Jharkhand : झारखंड में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक बार फिर बड़ी कार्रवाई सामने आई है। शुक्रवार सुबह से पूर्व कांग्रेस विधायक अम्बा प्रसाद के रांची और बड़कागांव समेत आठ ठिकानों पर ईडी की टीम छापेमारी कर रही है। यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में की जा रही है। रांची के किशोरगंज स्थित अम्बा प्रसाद के निजी सहायक संजीव कुमार के आवास पर भी ईडी की कार्रवाई चल रही है। संजीव इस समय घर पर नहीं हैं, लेकिन ईडी की टीम वहां मौजूद है। दो गाड़ियों में आई टीम में चार ईडी अधिकारी घर के भीतर जांच कर रहे हैं, जबकि बाहर छह सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है।
आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए
इसके पहले 12-14 मार्च, 2024 को ED ने अंबा प्रसाद, उनके पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, भाई अंकित राज सहित कई रिश्तेदारों और करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी कर कई दस्तावेज बरामद किए थे. इस छापेमारी में 35 लाख रुपये, डिजिटल उपकरण, सर्किल कार्यालयों, बैंकों के नकली टिकट, हाथ से लिखी रसीदें, डायरियां, विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए थे.
माना जा रहा है कि इस बार की छापेमारी उन्हीं दस्तावेजों और सबूतों के आधार पर की जा रही है, जो पहले की जांच में सामने आए थे. ED की टीमें वित्तीय लेन-देन, जमीन और खनन से जुड़े दस्तावेजों की गहन जांच कर रही हैं. अंबा प्रसाद और उनके रिश्तेदारों के नाम पर बनी 10 कंपनियां ED की जांच के दायरे में हैं.
इसके अलावा अम्बा प्रसाद के चार्टर्ड अकाउंटेंट बादल और उनके भाई अंकित उर्फ सुमित के बड़कागांव स्थित आवास पर भी छापेमारी की जा रही है। सुमित से जुड़े बालू कारोबारियों के ठिकानों पर भी कार्रवाई जारी है। हजारीबाग में चार स्थानों पर छापेमारी की खबर है, जबकि रांची में भी पूर्व विधायक के आवास की तलाशी ली जा रही है। ईडी इससे पहले 8 मार्च को भी अम्बा प्रसाद और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापा मार चुकी है। फिलहाल इस ताजा कार्रवाई को लेकर ईडी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
कांग्रेस ने बताया चुनावी साजिश
इस छापेमारी पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस प्रवक्ता किशोरनाथ शहदेव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार चुनाव को देखते हुए ईडी भाजपा के इशारे पर एक बार फिर सक्रिय हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि अम्बा प्रसाद बिहार चुनाव में कांग्रेस की तरफ से ऑब्जर्वर हैं और इसी वजह से उन्हें राजनीतिक रूप से निशाना बनाया जा रहा है। शहदेव ने यह भी कहा कि इससे पहले भी कई बार छापेमारी हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। उन्होंने इसे विपक्ष को दबाने की कोशिश बताया है।
0 Comments